स्वास्थ्य सुविधाओं पर वैश्वीकरण के प्रभाव का समाजशास्त्रीय मूल्यांकन
प्रस्तुत शोध पत्र अनुभवात्मक आधार पर लिखा गया है। इस शोध पत्र का आशय स्वास्थ्य सुविधाओं पर वैश्वीकरण के प्रभाव को देखने का प्रयास किया गया है। विश्व बाजार में स्वास्थ्य के प्रभाव को परम्परागत आर्थिक, सामाजिक, सांस्कृतिक तथा शैक्षिक आदान-प्रदान को परम्परागत भारतीय संस्कृति के आधार पर नहीं समझा जा सकता, क्योंकि कुछ पढ़ा-लिखा तबका इसको टुकड़ांे मंे समझाने का प्रयास कर रहा है। वैश्वीकरण की जटिल प्रक्रिया के द्वारा आज हमारा निजी जीवन भी प्रभावित हो रहा है जिसे दुनिया के कई स्थानों पर परम्परागत परिवारों में स्वास्थ्य तथा लिंगीय समानता के सन्दर्भ में देखा जा सकता है। बाजारवादी संस्कृति की तबाही की प्रक्रिया ने परम्परागत संस्कृति को आधुनिक संस्कृति की ओर अग्रसर किया है। ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं के सम्बन्ध मंे स्वास्थ्य जैसी आवश्यक आवश्यकता का प्रबन्ध किया जाना भी आवश्यक है।