scholarly journals भारतीय - नदी सम्पदा

HARIDRA ◽  
2021 ◽  
Vol 1 (01) ◽  
pp. 45-49
Author(s):  
रामपाल शुक्ल

वैदिक तत्वों को स्फुटरूप से अवगत करने के लिए पुराणवांड्मय का आविर्भाव हुआ। महर्षि व्यास और उनके शिष्यों प्रशिष्यों ने वैदिक-वाणी को सामान्यजन तक संदेश देने के लिए पुराणों का प्रणयन कर संस्कृति और सभ्यता को प्रकाश में लाने का कार्य किया हैं। इनके अध्ययन से हम अपनी प्राचीन संस्कृति-सभ्यता और मूल्यों को समझ सकते हैं। अतः इनके अध्ययन से सांस्कृतिक - भौगोलिक - सामाजिक और राजनीतिक रहस्यों को समझ सकते हैं। पुराणों में वर्णित भौगौलिक वर्णन में श्रीमद्भागवत का वर्णन अत्यंत सटीक एवं गहन है। इसके अध्ययन से ही हमें हमारी प्राकृतिक सम्पदा और नदियों का मूल रहस्य एवं तथ्य ज्ञान हो सकता है।

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